जमशेदपुर : झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले एक वायरल हो रहा पत्र चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसमें भाजपा की तरफ से 81 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार चयन को लेकर 22 जुलाई 2024 की तारीख अंकित है। लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल उलट है।
भाजपा की रायशुमारी असल में 11 सितंबर 2024 को हुई थी, जिससे यह साफ हो जाता है कि वायरल पत्र में दी गई तारीख फर्जी है। सवाल उठता है कि जब भाजपा ने सितंबर महीने में ही रायशुमारी का फैसला लिया, तो यह पत्र जुलाई में कैसे जारी हो सकता है?
फर्जी पत्र के संकेत!
1. धुंधला स्टाम्प और PHOTOSHOP की छेड़छाड़ : पत्र पर भाजपा के केंद्रीय कार्यालय का स्टाम्प धुंधला और ब्लर दिखाई दे रहा है, जो साफ तौर पर दर्शाता है कि यह फोटोशॉप की मदद से एडिट किया गया है।
2. चुनावी लाभ के लिए दुष्प्रचार : यह पत्र चुनावी लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से वायरल किया गया है। सूत्रों के अनुसार, विरोधियों द्वारा भाजपा के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने के लिए इस पत्र को जानबूझकर फर्जी तरीके से प्रसारित किया गया है।
भाजपा का बयान
झारखंड प्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि यह कोई नई बात नहीं है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी इसी तरह के फर्जी पत्र वायरल किए गए थे। यह विरोधियों द्वारा राजनीतिक दुष्प्रचार का सस्ता हथकंडा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा एक संगठित परिवार है और टिकट वितरण का निर्णय केंद्रीय संसदीय बोर्ड एवं चुनाव समिति द्वारा किया जाता है, जिसमें प्रदेश समिति की अनुशंसा भी शामिल रहती है।
यह स्पष्ट है कि वायरल हो रहा पत्र फर्जी है और इसे विरोधियों द्वारा दुष्प्रचार के मकसद से फैलाया जा रहा है। भाजपा ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है और इसे चुनावी साजिश करार दिया है।
सावधान रहें : चुनावी माहौल में फर्जी खबरों और दस्तावेज़ों से बचें और किसी भी वायरल सूचना की सत्यता की जांच करें।
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