जमशेदपुर : विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार Tata Motors के जमशेदपुर प्लांट में प्रबंधन और टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के बीच 10.6 प्रतिशत बोनस पर सहमति बनी है। इस समझौते को यूनियन समर्थक ऐतिहासिक बता रहे हैं, और यूनियन पदाधिकारियों का अबीर-गुलाल से स्वागत किया गया। लेकिन इस बार अधिकतर कर्मचारियों ने इस उत्सव से दूरी बनाई रखी।
सूत्रों की मानें तो, Tata Motors के अधिकांश कर्मचारी बेहतर बोनस की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन 10.6 फीसदी के बोनस समझौते ने उन्हें निराश किया है। कर्मचारी इस बात से असंतुष्ट हैं कि 2023 में मिला 11.5 प्रतिशत बोनस इस बार से ज्यादा था। वहीं, वर्ष 2022 में 10.67 प्रतिशत पर सहमति बनी थी। इससे कर्मियों में यह भावना उत्पन्न हुई कि इस साल यूनियन प्रबंधन पर पर्याप्त दबाव बनाने में असफल रही।
Average – ₹46400
Highest – ₹63800
कर्मचारियों की उम्मीदें टूटीं.. !
Tata Motors के कर्मचारी इस साल के बोनस से अधिक की उम्मीद कर रहे थे। उन्हें विश्वास था कि यूनियन कंपनी प्रबंधन से 2023 से बेहतर समझौता करेगी, लेकिन 10.6 प्रतिशत पर सहमति बनने से उनके मन में असंतोष की भावना बढ़ने लगी है।
गोपेश्वर के नेतृत्व में सर्वाधिक बोनस समझौता
इतिहास की बात करें तो, वर्ष 2006 में दिवंगत मजदूर नेता गोपेश्वर के नेतृत्व में टाटा मोटर्स और यूनियन के बीच अब तक का सर्वाधिक 17.9 प्रतिशत बोनस पर सहमति बनी थी। इस समझौते को अब तक का सबसे ऐतिहासिक बोनस समझौता बताया जाता है, जो कर्मचारियों के लिए प्रेरणास्रोत बना हुआ है।
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