रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री Champai Soren ने एक भावुक पत्र लिखकर अपने दिल के राज खोले हैं। उन्होंने अपने पत्र में बताया है कि कैसे उन्हें पार्टी द्वारा अपमानित किया गया और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया।
चंपाई सोरेन ने अपने पत्र में लिखा है कि उन्हें पार्टी द्वारा कई अपमानजनक घटनाओं का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्हें अपने जीवन का नया अध्याय शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने बताया कि उन्हें तीन विकल्प थे – राजनीति से सन्यास लेना, अपना अलग संगठन खड़ा करना या किसी साथी के साथ आगे का सफर तय करना। उन्होंने कहा कि वे अपने जीवन के इस नए अध्याय में सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
चंपाई सोरेन ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि वे पार्टी के किसी सदस्य को शामिल करने या संगठन को किसी प्रकार की क्षति पहुंचाने के बारे में नहीं सोचते हैं। उन्होंने कहा कि वे जिस पार्टी को अपने खून-पसीने से सींचा है, उसका नुकसान करने के बारे में तो कभी सोच भी नहीं सकते हैं।
Champai Soren का भावुक पत्र:
जोहार साथियों,
आज समाचार देखने के बाद, आप सभी के मन में कई सवाल उमड़ रहे होंगे। आखिर ऐसा क्या हुआ, जिसने कोल्हान के एक छोटे से गांव में रहने वाले एक गरीब किसान के बेटे को इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया।
अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत में औद्योगिक घरानों के खिलाफ मजदूरों की आवाज…
— Champai Soren (@ChampaiSoren) August 18, 2024
चंपाई सोरेन का यह पत्र झारखंड की राजनीति में एक नए दौर की शुरुआत का संकेत दे रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने जीवन के इस नए अध्याय में क्या कदम उठाते हैं।