Jharkhand : पिछले विधानसभा चुनाव 2019 के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में झारखंड प्रदेश BJP ने राज्यभर में एक दर्जन से अधिक नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था। इनमें जमशेदपुर के पूर्व BJP नेता और प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले, भाजयुमो के पूर्व जिला अध्यक्ष सतीश सिंह, रतन महतो, आरके दूबे, मुकुल मिश्रा जैसे कई बड़े नाम शामिल थे। ये सभी पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के करीबी माने जाते हैं। उन पर आरोप था कि उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को चुनाव हराने के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से भूमिका निभाई थी।
अब, झारखंड भाजपा के चुनाव सह प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमन्ता बिस्वा सरमा के एक बयान ने इन निष्कासित नेताओं की पार्टी में वापसी की उम्मीदों को हवा दे दी है। रांची में पत्रकारों से बातचीत करते हुए हिमन्ता बिस्वा सरमा ने कहा, “जो लोग भाजपा से जुड़े थे, हम उन सबको वापिस लाने का प्रयास कर रहे हैं। जो संगठन को मजबूत करेंगे, हम उन्हें जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन हम कांग्रेस की नीति नहीं अपनायेंगे, जहां लोग मतदान के कुछ घंटे पहले अशोक तंवर जी को लेकर चुनाव हार गए।”

हालांकि, हिमन्ता ने किसी भी नेता का नाम स्पष्ट रूप से नहीं लिया है, लेकिन उनके इस बयान को निष्कासित नेताओं की वापसी की दिशा में एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। अब देखना यह होगा कि आगामी चुनावों से पहले BJP झारखंड में अपनी पुरानी टीम को फिर से संगठित कर पाती है या नहीं।
सुनें हिमन्ता बिस्वा सरमा ने क्या कहा…
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