Grishneshwar Jyotirlinga
Grishneshwar Jyotirlinga: गृहेश्वर ज्योतिर्लिंग, भारत के महाराष्ट्र राज्य के छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित है। यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। गृहेश्वर ज्योतिर्लिंग का मंदिर ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व से परिपूर्ण है, जो भक्तों को भगवान शिव की असीम कृपा का अनुभव कराता है।
गृहेश्वर ज्योतिर्लिंग का इतिहास
गृहेश्वर ज्योतिर्लिंग का उल्लेख पुराणों और अन्य धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण देवी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा कराया गया था। इससे पहले यह मंदिर कई बार ध्वस्त हो चुका था, लेकिन अहिल्याबाई होल्कर ने इसे पुनः निर्मित करवाया। यह मंदिर ईंटों से बना हुआ है और इसकी स्थापत्य कला बेहद आकर्षक है।
धार्मिक महत्व
गृहेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा करने से भक्तों के सभी पाप धुल जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। शिवपुराण के अनुसार, जो व्यक्ति गृहेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा करता है, उसे सभी प्रकार की समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। यहाँ पर दर्शन करने से भक्तों को भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन के सभी दुखों का नाश करती है।
मंदिर की विशेषताएँ
गृहेश्वर मंदिर की वास्तुकला बेहद शानदार है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव के लिंगम की पूजा होती है। यहाँ पर एक तालाब भी स्थित है जिसे कुंड कहा जाता है, जहाँ भक्त स्नान करके अपने पापों का नाश करने का विश्वास रखते हैं।
मंदिर में हर साल हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं, विशेषकर महाशिवरात्रि के समय यहाँ का माहौल बहुत ही आध्यात्मिक और भक्तिमय होता है।
यात्रा और दर्शन
गृहेश्वर ज्योतिर्लिंग तक पहुंचने के लिए औरंगाबाद से लगभग 30 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है। मंदिर का दर्शन सुबह से शाम तक किया जा सकता है, लेकिन विशेष धार्मिक पर्वों पर यहाँ दर्शन का समय बढ़ाया जाता है।
गृहेश्वर ज्योतिर्लिंग न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह एक ऐसी धरोहर भी है जो हमारी आस्था और संस्कृति की गहरी जड़ों को प्रदर्शित करता है। भगवान शिव के इस पावन धाम की यात्रा से जीवन में शांति, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अगर आप भी भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो एक बार गृहेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन अवश्य करें।