Yuva Aakrosh Rally FIR Update : भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष शशांक राज, जमशेदपुर के कृष्णकान्त राय, गढ़वा के सत्येंद्र तिवारी व मंगलमूर्ति तिवारी, लातेहार के गंगेश्वर यादव, बोकारो के विशाल गौतम समेत राज्य के 12 हज़ार भाजपा कार्यकर्ताओं पर राँची में प्राथमिकी दर्ज, कई सांसद, विधायकों का नाम भी शामिल, पढ़ें रिपोर्ट :-
रांची: झारखंड की राजधानी में 23 अगस्त को भाजपा युवा मोर्चा द्वारा आयोजित ‘आक्रोश रैली’ ने प्रशासन और सरकार के होश उड़ा दिए। मोरहाबादी मैदान में रैली के दौरान जो ‘कानून के रखवाले’ प्रशासन के पास थे, वो सब कमज़ोर साबित हुए. पुलिस की ओर से शुरू हुई पत्थरबाजी के जवाब में भाजपाइयों की जवाबी कार्रवाई भारी पड़ी। नतीजा ये हुआ कि अपनी अकर्मण्यता छिपाने के लिए सरकार को भाजपा के 51 बड़े नेताओं समेत 12 हजार कार्यकर्ताओं पर FIR दर्ज करनी पड़ी।
सरकार और प्रशासन का ये दावा कि वो कानून व्यवस्था को बनाए रख सकते हैं, इस रैली में हवा हो गया। लेकिन इससे भी बड़ा सवाल है कि क्या ये FIR केवल आक्रोश का जवाब है, या सरकार की असली मजबूरी का इज़हार? आखिरकार, जब इतनी बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज हो, तो क्या ये सरकार की कमजोरी का सबूत नहीं? भाजपाइयों का प्रदर्शन का कारण केवल इतना मात्र था कि उन्होंने मुख्यमंत्री के हर साल पाँच लाख युवाओं को सरकारी नौकरी, अनुबंध कर्मियों का स्थाईकरण एवं मांगों को लेकर मुख्यमंत्री पर वादा से मुकरने का कारण पूछने के लिए आक्रोश रैली निकाला। भीड़ रोकने के लिए सरकारी स्तर पर हालांकि भरपूर प्रयास हुए लेकिन नाकाम रही।
आक्रोश रैली अपडेट:
- भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष शशांक राज, जमशेदपुर के कृष्णकान्त राय, गढ़वा के सत्येंद्र तिवारी, मंगलमूर्ति तिवारी, लातेहार के गंगेश्वर यादव, बोकारो के विशाल गौतम समेत राज्य के 12 हज़ार भाजपा कार्यकर्ताओं पर प्राथमिकी दर्ज।
- कई सांसद और विधायकों का भी नाम शामिल: FIR में बड़े-बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं, जिससे साफ है कि सरकार ने इस बार ‘अराजकता’ को सीधे निशाने पर लिया है। प्राथमिकी में संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह समेत पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, सांसद बीडी राम, नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी, विधायक भानुप्रताप शाही, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, दीपक प्रकाश, प्रदीप वर्मा एवं अभय कांत प्रसाद, सांसद विद्युत वरण महतो, सांसद मनीष जैसवाल, ढुल्लू महतो समेत विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, रणधीर सिंह, नीरा यादव, रामचंद्र चंद्रवंशी, अपर्णा सेनगुप्ता, कुशवाहा शशि भूषण मेहता, पुष्पा देवी, समरी लाल, केदार हाजरा, सीपी सिंह, राज सिन्हा, पूर्व सांसद यदुनाथ पांडेय, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व सांसद गीता कोड़ा, संजीव विजयवर्गीय सहित करीब 12000 अन्य भाजपा कार्यकर्ता और नेताओं के नाम शामिल है।
- प्रशासन की विफलता: क्या सरकार और प्रशासन को अपनी कमजोरियों का एहसास हो गया है, या फिर ये केवल राजनीतिक ड्रामा है?
प्रशासन ने भाजपा के बड़े नेताओं को निशाने पर लेते हुए FIR दर्ज की है, लेकिन सवाल ये है कि ये FIR प्रशासन के खुद के फेल होने का सबूत है या फिर कानून का पालन करने की आखिरी कोशिश? सरकार का ये कदम और FIR दर्ज करने की ‘कठोर’ कार्रवाई इस बात का संकेत है कि अब प्रशासन ने अपनी ‘आखिरी’ चाल चल दी है। अब देखना ये है कि भाजपा और उसके नेता इस कानूनी शिकंजे से कैसे बाहर निकलते हैं।