BJP और AJSU के बीच सीट बंटवारे पर खींचतान
झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) लंबे समय से सहयोगी दल रहे हैं। आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने विपरीत परिस्थितियों में भी भाजपा का साथ नहीं छोड़ा। हाल ही में सुदेश महतो ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, जिसमें झारखंड के आगामी राजनीतिक घटनाक्रम और विधानसभा चुनाव पर चर्चा हुई। हालांकि, इस मुलाकात में सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है, जिससे गठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सुदेश महतो का बड़ा ऐलान
सुदेश महतो ने हाल ही में अमित शाह से मुलाकात के बाद कहा, “झारखंड में इस बार दोनों पार्टियां गठबंधन में चुनाव लड़ेंगी,” लेकिन सीटों का बंटवारा अब तक फाइनल नहीं हुआ है। उन्होंने एक समाचार चैनल को दिए बयान में यह भी कहा: “आजसू 10 या 12 पर नहीं बल्कि सभी 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है।” आजसू सुप्रीमो पिछले दिनों जमशेदपुर में पार्टी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचें थे, इस दौरान जब मीडिया की ओर से गठबंधन और सीटों को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि आजसू का दावा 10 नहीं बल्कि सभी 81 सीटें हमारी जिम्मेदारी है। हमारी पार्टी NDA गठबंधन का हिस्सा है और हम इसबार मिलकर चुनाव लड़ेंगे। जिन सीटों पर भाजपा या अन्य सहयोगी दल चुनाव लड़ेंगे, उन सीटों पर जीत दिलाने में आजसू की भी मुख्य भूमिका रहेगी।” सुदेश महतो ने कहा कि जब आप गठबंधन में होते हैं तो केवल अकेले की जिम्मेदारी नहीं बल्कि सामूहिकता के बारे में सोचना होता है। दावा किया कि इस बार झारखंड से हेमंत सोरेन सरकार की विदाई निश्चित है।
सीट बंटवारे पर खींचतान
2019 के विधानसभा चुनाव में भी कुछ सीटों पर मतभेद के कारण भाजपा और आजसू का गठबंधन टूट गया था। आजसू ने 50 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारकर भाजपा के 65 पार के नारे को फ़्लॉप करा दिया था। जिससे दोनों पार्टियों को बहुमत से दूर रहकर विपक्ष में बैठना पड़ा। इस बार भी कुछ सीटों को लेकर दोनों दलों के बीच खींचतान जारी है। हालांकि सुदेश महतो ने झारखंड में लोकसभा चुनाव में भाजपा का मजबूती से समर्थन किया और बदले में आजसू को भी BJP ने गिरिडीह लोकसभा सीटे दिया। JBKSS के नवोदित नेता टाईगर जयराम महतो के बढ़ते प्रभाव के बावजूद AJSU ने गिरिडीह सीट पर जीत दर्ज किया। सुदेश महतो के रुख से तो यह स्पष्ट है कि आजसू भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी और NDA में एक अच्छी साझेदार बनी रहेगी। लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि आजसू कुछ ऐसी विधानसभा सीटों की माँग भाजपा के सामने रख चुकी है जिसपर सहमति देना भाजपा को पसंद नहीं आ रहा।
इन सीटों पर है आजसू की दावेदारी
सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान झारखंड में एनडीए सहयोगी दल आजसू ने राज्य में 81 में से 15 सीटों की मांग की जहां पर वह खुद चुनाव लड़ना चाहती है. इन सीटों में जामताड़ा, सिल्ली, मांडू, जुगसलाई, चंदनक्यारी, ईचागढ़, रामगढ़, गोमिया, डुमरी, टुंडी, लोहरदगा, बड़कागाँव, हुसैनाबाद, तमाड़, हटिया प्रमुख हैं। गृह मंत्री से मुलाकात के क्रम में सुदेश महतो ने उन्हें आजसू की दावेदारी को लेकर अवगत करा दिया है। इसके बाद जल्द ही भाजपा के चुनाव सह-प्रभारी हिमन्ता बिश्वा सरमा से मुलाकात कर सीटों पर चर्चा करेंगे।
ऐसे में देखना होगा कि दोनों पार्टियां आने वाले दिनों में सीट बंटवारे पर सहमति बना पाती हैं या नहीं, क्योंकि पिछले अनुभव को देखते हुए गठबंधन टूटने का खतरा अब भी मंडरा रहा है।
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