राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत 28,602 करोड़ रुपये के ग्रीनफील्ड Smart City प्रोजेक्ट्स को मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 स्थानों पर 28,602 करोड़ रुपये के ग्रीनफील्ड औद्योगिक स्मार्ट सिटी परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इस योजना से देश में 1.52 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश आकर्षित होने की संभावना है और अगले तीन वर्षों में 4 मिलियन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन होगा।
रेलवे, सूचना और प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि यह परियोजना राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) का हिस्सा है और इससे घरेलू विनिर्माण और रोजगार सृजन पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने बताया कि यह निर्णय सरकार की पिछले तीन महीनों में की गई बुनियादी ढांचा विकास की पहलों का हिस्सा है, जिसमें 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है, जिससे 1.2 मिलियन नौकरियों का सृजन हुआ है और 106.9 मिलियन कार्य दिवस बनाए गए हैं।
वैष्णव ने बताया कि यह औद्योगिक क्षेत्र देश के उत्तर, पूर्व, दक्षिण, पश्चिम और मध्य भागों में फैले हुए हैं, जिससे यह एक तरह से पूरे देश में एक “ग्रैंड नेकलेस” बनाते हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक विनिर्माण का केंद्र भारत में स्थानांतरित हो रहा है, और पर्यावरण अनुकूल “प्लग-एंड-प्ले” बुनियादी ढांचे के साथ ये औद्योगिक क्षेत्र इस बदलाव को गति देंगे।
ये औद्योगिक क्षेत्र उत्तराखंड, पंजाब, महाराष्ट्र, केरल, उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में स्थित होंगे, जिसमें उत्तर प्रदेश के दो स्थान शामिल हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के बजट में यह घोषणा की थी कि सरकार “प्लग और प्ले” बुनियादी ढांचे के साथ निवेश-तैयार औद्योगिक पार्कों के विकास की सुविधा प्रदान करेगी। इसके तहत 12 औद्योगिक पार्कों को राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत मंजूरी दी जाएगी।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि वर्तमान में आठ औद्योगिक शहर विभिन्न चरणों में निर्माणाधीन हैं, जिससे कुल संख्या 20 हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं के लिए भूमि पहले से ही अधिग्रहित की जा चुकी है, जिससे इनका संचालन अगले तीन वर्षों में शुरू हो सकेगा।
गोयल ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार राज्यों के राजनीतिक संबंधों के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करेगी और पूरे देश के समग्र विकास को प्राथमिकता देगी। उन्होंने बताया कि इन औद्योगिक शहरों का विकास “प्लग-एंड-प्ले” और “वॉक-टू-वर्क” अवधारणाओं पर आधारित होगा, जिसमें आधुनिक बुनियादी ढांचा और मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी होगी।
यह परियोजनाएं भारत में औद्योगिक विकास की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होंगी, जिससे देश में व्यापक पैमाने पर रोजगार और आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।
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