प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 15 सितंबर को जमशेदपुर दौरा, कोल्हान की राजनीति में हलचल मचाने वाला साबित हो सकता है। बिष्टुपुर के गोपाल मैदान में आयोजित भाजपा की सभा में पीएम मोदी का भाषण सुनने के लिए कार्यकर्ता और समर्थक बड़ी संख्या में जुटने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन, इस दौरे के पीछे की असली वजह क्या है? इस सवाल ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है।
यह दौरा PM Modi के जन्मदिन (17 सितंबर)से ठीक पहले हो रहा है, जिससे कयासों का बाजार गर्म है। क्या इसबार प्रदेश भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कुछ “सरप्राइज बर्थडे गिफ्ट” के रूप में कोल्हान फ़तह के लिए बड़ी कार्योजना तैयार कर रखी है? क्या झारखंड की राजनीति में चंपाई सोरेन की इंट्री के बाद भाजपा कोई बड़ा दांव चलने वाली है? सूत्रों की मानें तो इस सभा में कोल्हान सहित झारखण्ड की राजनीति के कुछ “चर्चित चेहरे” भाजपा में शामिल हो सकते हैं, जिनमें झामुमो और कांग्रेस के नेता भी शामिल हो सकते हैं। खासतौर पर, चंपाई सोरेन की भाजपा में संभावित इंट्री से झामुमो और कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मालूम हो की 02 सितम्बर से भाजपा देशभर में सदस्यता अभियान की शुरुआत करेगी। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले कुछ चौकाने वाले नाम झारखंड की राजनीति में भाजपा की सदस्य्ता यदि ले लें तो आश्चर्य नहीं होनी चाहिए।
प्रत्याशी और CM कैंडिडेट का ऐलान संभव…?
सूत्रों के मुताबिक 12 सितंबर तक भाजपा अपनी रणनीति का खुलासा कर सकती है। संभावना है कि तबतक घटक दलों संग गठबंधन की सीटें भी फाइनल हो जायेगी। इसके बाद भाजपा सबसे पहले SC और ST के लिए सुरक्षित सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर सकती है, ताकि उन्हें चुनावी तैयारियों के लिए उपयुक्त समय मिल सके। वहीं इसबात की संभावना भी जताई जा रही है कि इसबार पार्टी अपनी चुनावी रणनीति को अचानक बदलते हुए अपने CM कैंडिडेट के नाम की औपचारिक घोषणा प्रधानमंत्री मोदी द्वारा करवा सकती है। भाजपा की आक्रामकता और तैयारीयों से इतना साफ़ है कि झारखंड की सियासत में आने वाले दिनों में बड़ा धमाका हो सकता है।
जमशेदपुर भाजपा ने शुरू की तैयारी बैठक
इस बीच, आज जमशेदपुर भाजपा इकाई के अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने साकची स्थित भाजपा कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में 15 सितंबर को होने वाली प्रधानमंत्री की रैली की तैयारी पर चर्चा की गई। ओझा ने कहा कि यह रैली कोल्हान की राजनीति को एक नया मोड़ देने वाली है। विपक्षी दलों की बेचैनी इस बात का संकेत है कि भाजपा का यह दांव उनके लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है।
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