Jamshedpur : जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट से BJP की प्रत्याशी पूर्णिमा दास साहू आगामी 24 अक्टूबर को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगी। नामांकन को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं, और इसी सिलसिले में रविवार को एग्रीको स्थित उनके आवासीय कार्यालय में भाजपा मंडल अध्यक्षों और प्रमुख कार्यकर्ताओं की एक अहम बैठक संपन्न हुई। बैठक में बर्मामाइंस, टेल्को, गोलमुरी, बारीडीह, बिरसानगर, सीतारामडेरा और साकची पूर्वी के मंडल अध्यक्षों समेत प्रमुख जिला पदाधिकारी एवं मंच मोर्चा के नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए।
नामांकन रैली में जुटेंगे सैकड़ों कार्यकर्ता
बैठक में BJP प्रत्याशी पूर्णिमा दास साहू ने सभी मंडल अध्यक्षों से नामांकन रैली में अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया। सभी मंडल अध्यक्षों ने औसतन 1200 से 2000 कार्यकर्ताओं के साथ रैली में सम्मिलित होने का आश्वासन दिया। 24 अक्टूबर को आयोजित होने वाली इस रैली में पार्टी के बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं की भागीदारी से यह आयोजन भव्य होने की संभावना है।
असंतुष्ट नेताओं की गैरहाजिरी बनी चिंता का विषय
हालांकि, इस बैठक में जमशेदपुर पूर्वी के कई दिग्गज BJP नेताओं की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी रही। पूर्व जिलाध्यक्ष रामबाबू तिवारी, दिनेश कुमार, मिथिलेश सिंह यादव और कई वरिष्ठ नेताओं की गैरमौजूदगी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष को हवा दी है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, ये नेता पार्टी के टिकट वितरण से नाराज हैं, क्योंकि रायशुमारी में मजबूत दावेदार होने के बावजूद अंतिम समय में राज्यपाल रघुवर दास की बहु पूर्णिमा दास साहू को टिकट दिया गया।
बागी नेता शिवशंकर सिंह ने बढ़ाई चुनौती
भाजपा के लिए चुनौती यहीं खत्म नहीं होती। वरिष्ठ BJP नेता शिवशंकर सिंह ने पहले ही बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। उनके समर्थन में भाजपा के कई पुराने कार्यकर्ता भी खुलकर सामने आ चुके हैं। अगर समय रहते पार्टी नेतृत्व ने असंतुष्टों को नहीं साधा, तो यह असंतोष आगामी चुनाव में भाजपा के लिए भारी नुकसान का कारण बन सकता है।
समय रहते असंतोष पर नियंत्रण की आवश्यकता
बैठक में उपस्थित कई कार्यकर्ताओं ने कहा कि पार्टी के अंदर फैले असंतोष को जल्द नियंत्रित नहीं किया गया तो चुनावी नतीजों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अब देखना यह होगा कि भाजपा नेतृत्व इस चुनौती से कैसे निपटता है और क्या असंतुष्ट नेताओं को चुनावी मैदान में वापस लाने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं।
24 अक्टूबर को पूर्णिमा दास साहू के नामांकन के साथ जमशेदपुर पूर्वी की चुनावी जंग और भी दिलचस्प होने वाली है। लेकिन BJP के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने असंतुष्ट नेताओं को एकजुट करना है, ताकि पार्टी एक मजबूत चुनावी लड़ाई लड़ सके।
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