श्री प्रसाद ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह योग्य सभी मामलों का निपटारा किया जाएगा। इसमें सिविल कोर्ट में लंबित मामलों के साथ-साथ प्री-लिटिगेशन केसों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए न्यायिक पदाधिकारियों, बैंक और अन्य विभागों के साथ बैठकें हो चुकी हैं।
नि:शुल्क कानूनी सहायता पर जोर
डालसा गरीब, महिलाओं, अनुसूचित जाति-जनजाति और दिव्यांग व्यक्तियों को नि:शुल्क कानूनी सहायता प्रदान करता है। ऐसे मामलों में पीड़ितों को नि:शुल्क वकील और कोर्ट फीस मुहैया कराई जाती है। जेल में बंद विचाराधीन कैदियों के लिए लीगल एड डिफेंस काउंसिल (एलएडीसी) का गठन किया गया है, जिसमें 9 कानूनी विशेषज्ञ शामिल हैं।
सड़क दुर्घटना और पीड़ित सहायता
सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को मुआवजा दिलाने और सेक्सुअल एसॉल्ट जैसे मामलों में कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाती है। शिकायतों के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 15100 पर संपर्क किया जा सकता है।
थाना स्तर पर पारा लीगल वालंटियर
महिला थाना समेत जिले के सभी थानों में पारा लीगल वालंटियर नियुक्त किए गए हैं, जो पीड़ितों को कानूनी सहायता और जागरूकता प्रदान करेंगे।
छात्रों के लिए लीगल लिटरेसी क्लब
श्री प्रसाद ने बताया कि जिले के स्कूलों में लीगल लिटरेसी क्लब का गठन किया जाएगा, ताकि छात्रों को उनके कानूनी अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया जा सके।