Jharkhand: अमर बाउरी का हेमंत पर तीखा हमला
Jharkhand: अमर बाउरी का हेमंत पर तीखा हमला

Jharkhand: अमर बाउरी का तीखा हमला: “मुख्यमंत्री जी ध्यान रहे, काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है”

‘पुराने वादे अधूरे, नए वादों से जनता को भ्रमित करने की कोशिश’

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के शहीद निर्मल महतो जयंती पर किए गए वादों पर नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने तीखा हमला किया है। बाउरी ने सोरेन के वादों को “चुनावी जुमला” करार देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने 2019 के चुनाव से पहले भी जनता से कई वादे किए थे, लेकिन आज तक उन्हें पूरा नहीं किया गया। अब वही वादे नए रूप में पेश किए जा रहे हैं, जो जनता के साथ एक मजाक के सिवा कुछ नहीं है।

बाउरी का तंज: “2019 में किया गया हर वादा आज भी अधूरा है। क्या हुआ उन योजनाओं का, जिनका वादा किया गया था? किसानों की कर्जमाफी, युवाओं के लिए रोजगार, महिलाओं के लिए सुरक्षा—सब वादे धरे के धरे रह गए।”

बाउरी ने X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “हेमंत सोरेन जनता को भ्रमित करने के लिए नए-नए वादे कर रहे हैं, जबकि उनके पुराने वादों का कोई अता-पता नहीं है। अगर सरकार ने अपने पिछले वादों को पूरा नहीं किया है, तो जनता को यह विश्वास कैसे हो कि नए वादे पूरे किए जाएंगे?”

उन्होंने आगे कहा, “राज्य की जनता अब जागरूक हो चुकी है। वह वादों के पीछे छिपे षड्यंत्र को भली-भांति समझ चुकी है। हेमंत सोरेन और उनकी सरकार का यह छल अब ज्यादा दिन नहीं चलने वाला।”

झारखंड मुक्ति मोर्चा का 2019 का “निश्चय पत्र” अब “ठगी पत्र” के नाम से जाना जाएगा, क्या हेमंत सोरेन फिर जनता को धोखा देंगे?

नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि “काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है।” उन्होंने 2019 के चुनावों में किए गए वादों को याद दिलाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के निश्चय पत्र को अब जनता “ठगी पत्र” के नाम से जानती है। बाउरी ने साफ कहा कि मुख्यमंत्री को अब दोबारा जनता को मूर्ख बनाने का मौका नहीं मिलेगा।

मौका भी वही, मंच भी वही: क्या हेमंत सोरेन का नया ऐलान एक और चुनावी जुमला है?

शहीद निर्मल महतो के नाम पर फिर से एक और वादा, मगर पुराने वादों का क्या?

पांच साल पहले शहीद निर्मल महतो की शहादत दिवस पर ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 5 लाख नौकरियों का वादा किया था, जो अब तक अधूरा ही है। अब, जब चुनाव की सुगबुगाहट फिर से शुरू हो गई है, तो सोरेन ने फिर से उसी मंच से हर घर में 1-1 लाख रुपये देने का ऐलान किया है। सवाल उठता है—क्या ये भी एक और चुनावी जुमला है, या फिर इस बार वाकई में कुछ नया होगा? पिछले वादों की तरह ये नया वादा भी चुनावी हवा में उड़ जाएगा, या फिर जनता को वाकई में कुछ मिलेगा?

राजनीतिक हकीकत: बाउरी ने अपने बयान में यह भी इशारा किया कि चुनावों के करीब आते ही ऐसे वादों का सिलसिला बढ़ता जाएगा। “वोटों की खातिर किए गए वादे अक्सर चुनावों के बाद भूले जाते हैं। यह सरकार भी उसी राह पर चल रही है,” उन्होंने जोड़ा।

इस तरह, हेमंत सोरेन के नए वादों पर विपक्ष का यह तीखा पलटवार, झारखंड की राजनीति में नई गर्माहट ला रहा है। बाउरी के इस बयान के बाद सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष के बीच तनाव और भी बढ़ सकता है। जनता की उम्मीदें और राजनीतिक माहौल, दोनों ही इस वक्त चर्चा का केंद्र बने हुए हैं।
जनता अब जवाब चाहती है, वादे नहीं।

 

SARANSH NEWS

By Admin

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