Baidyanath Jyotirlinga: बैद्यनाथ धाम, देवघर में स्थित शिव की दिव्य ज्योतिर्लिंग...
Baidyanath Jyotirlinga: बैद्यनाथ धाम, देवघर में स्थित शिव की दिव्य ज्योतिर्लिंग...

Baidyanath Jyotirlinga

Baidyanath Jyotirlinga: भारत एक ऐसा देश है जहां आध्यात्मिकता और धार्मिकता का अद्वितीय संगम देखने को मिलता है। यहां के हर कोने में आपको किसी न किसी तीर्थ स्थल का दर्शन होगा, जो हजारों भक्तों की आस्था का केंद्र होता है। ऐसा ही एक पवित्र स्थल है बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, जो झारखंड राज्य के देवघर जिले में स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग का धार्मिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यंत महत्वपूर्ण है।

Baidyanath Jyotirlinga

बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का पौराणिक महत्व

हिंदू धर्म में 12 ज्योतिर्लिंगों का विशेष महत्व है और बैद्यनाथ उनमें से एक है। इसे बैजनाथ धाम या वैद्यनाथ धाम के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की थी। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे एक ज्योतिर्लिंग प्रदान किया। रावण इस ज्योतिर्लिंग को अपने राज्य लंका ले जाना चाहता था, लेकिन एक शर्त थी कि अगर वह इसे भूमि पर रख देगा, तो वह वहीं स्थिर हो जाएगा। देवताओं की चाल से रावण ने इस ज्योतिर्लिंग को देवघर में ही स्थापित कर दिया, जो बाद में बैद्यनाथ धाम के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

बैद्यनाथ धाम का धार्मिक महत्व

बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग को ‘कामना लिंग’ भी कहा जाता है, क्योंकि मान्यता है कि यहां की पूजा से भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। श्रावण मास के दौरान यहां विशेष रूप से भीड़ होती है, जब लाखों कांवड़िए गंगा जल लेकर पैदल यात्रा करते हैं और भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। इस पवित्र धाम में प्रतिदिन हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं और भगवान शिव से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं।

बैद्यनाथ मंदिर का वास्तुशिल्प

बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर का निर्माण वास्तुकला की दृष्टि से भी अद्वितीय है। यह मंदिर एक विशाल परिसर में स्थित है जिसमें मुख्य मंदिर के अलावा कई छोटे-छोटे मंदिर भी हैं। मुख्य मंदिर की बनावट नागर शैली में है, जिसमें शिखर पर स्वर्ण कलश स्थापित है। मंदिर परिसर में स्थित अन्य मंदिरों में पार्वती मंदिर, गणेश मंदिर, काली मंदिर और लक्ष्मी नारायण मंदिर शामिल हैं।

कैसे पहुंचें बैद्यनाथ धाम

देवघर झारखंड राज्य के संथाल परगना क्षेत्र में स्थित है और यह भारत के विभिन्न हिस्सों से सड़क, रेल और वायु मार्ग से जुड़ा हुआ है। निकटतम रेलवे स्टेशन जसीडीह है, जो देवघर से लगभग 10 किमी दूर है। यहां से बस या टैक्सी के माध्यम से आसानी से बैद्यनाथ धाम पहुंचा जा सकता है। निकटतम हवाई अड्डा देवघर एयरपोर्ट है, जो प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

निष्कर्ष

बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह आध्यात्मिकता, शांति और आस्था का प्रतीक भी है। यहां की यात्रा से न केवल धार्मिक लाभ मिलता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति की अनुभूति भी होती है। इस पवित्र धाम की यात्रा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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