Bihar Land Survey: बिहार के 45 हजार गांवों में जमीन सर्वे, एक साल में पूरी होगी प्रक्रिया
बिहार के 45 हजार गांवों में जमीन सर्वेक्षण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। राज्य सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के तहत इस सर्वे का कार्य निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाना है। इस पूरे सर्वेक्षण को 360 दिनों के अंदर समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें सभी प्रक्रियाओं के लिए समयसीमा तय की गई है।
दावा-आपत्ति के लिए मिलेगी दो बार मौका
इस सर्वे के दौरान ग्रामीणों को अपनी जमीन से संबंधित दावा-आपत्ति दर्ज कराने के लिए दो बार 15-15 दिनों का समय दिया जाएगा। इन सभी प्रक्रियाओं को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने के बाद सर्वेक्षण का अंतिम परिणाम प्रकाशित किया जाएगा। इसके लिए विभाग ने ऑनलाइन आवेदन और आवश्यक दस्तावेजों को डाउनलोड करने के लिए वेबसाइट का पता भी जारी कर दिया है।
एक वर्ष में प्रकाशित होगा सर्वे का परिणाम
विभाग का लक्ष्य है कि एक वर्ष के भीतर सभी गांवों का सर्वेक्षण पूरा कर लिया जाए और परिणाम प्रकाशित कर दिया जाए। इस दौरान, रैयत या जमीन मालिकों को अपनी जमीन के स्वामित्व के प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे, जिनका मिलान सरकारी दस्तावेजों से किया जाएगा। अगर जमा किए गए दस्तावेजों में नांत, खेसरा-खाता संख्या आदि का मिलान सरकारी दस्तावेजों से नहीं होता है, तो उस दस्तावेज को स्वीकार नहीं किया जाएगा और संबंधित व्यक्ति को इसकी सूचना दी जाएगी। सही दस्तावेज प्रस्तुत करने में असमर्थता की स्थिति में सरकारी दस्तावेज में दर्ज नाम ही मान्य होगा।
जमीन स्वामित्व के लिए आवश्यक प्रमाण**
जमीन सर्वे के दौरान संबंधित व्यक्ति को अपनी जमीन के स्वामित्व के लिए दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। इनमें खतियान, रसीद, दाखिल-खारिज, या जमीन के स्वामित्व से संबंधित अन्य सरकारी दस्तावेज शामिल हो सकते हैं। जमीन के प्रकार के आधार पर, पुश्तैनी जमीन का खतियान, खरीदी गई जमीन की डीड या रजिस्ट्री, और सरकार से मिली जमीन के लिए बासगीत पर्चा जैसे प्रमाण आवश्यक हो सकते हैं।
ऑनलाइन आवेदन की सुविधा
राजस्व विभाग की वेबसाइट land.bihar.gov.in से सभी आवश्यक फॉर्म डाउनलोड किए जा सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति राज्य के बाहर रहता है, तो वह landsurvey.bihar.gov.in या dirs.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। साथ ही, सर्वे की स्थिति और प्लॉट से संबंधित अपडेट जानकारी सर्वे ट्रैकिंग एप पर भी उपलब्ध होगी।
इस व्यापक सर्वेक्षण के माध्यम से सरकार का उद्देश्य है कि सभी गांवों की जमीनों का स्पष्ट और अद्यतन रिकॉर्ड तैयार किया जा सके, जिससे भविष्य में जमीन से जुड़े विवादों को कम किया जा सके।