जमशेदपुर : झारखंड में हाल ही में हुए अंचल अधिकारियों के स्थानांतरणों को लेकर राजनीतिक गर्माहट बढ़ गई है। भाजपा के पूर्व जिला प्रवक्ता Ankit Anand ने इन स्थानांतरणों को राजनीतिक हस्तक्षेप का परिणाम बताते हुए चुनाव आयोग से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इसे चुनावी आचार संहिता के ठीक पहले किया गया कदम बताया, जिससे सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस को चुनावी लाभ प्राप्त हो सके।
Ankit Anand ने चुनाव आयोग से की शिकायत
Ankit Anand ने इस मुद्दे पर केंद्रीय चुनाव आयुक्त और झारखंड के उप मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता बनाए रखने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि 7 अक्टूबर 2024 को किए गए इन स्थानांतरणों के पीछे राजनीतिक उद्देश्य हो सकते हैं। इससे पहले, 11 दिन पूर्व भी 14 अंचल अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया था, जिनमें जमशेदपुर के सीओ भी शामिल थे।
आरोप है कि इन स्थानांतरणों में सत्तारूढ़ दल के करीबी अधिकारियों को प्रमुख पदों पर तैनात किया गया है, जिससे आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ माहौल बनाया जा सके। Ankit Anand ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि इन संदिग्ध स्थानांतरणों पर संज्ञान लेकर आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि झारखंड में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव हो सकें।
चुनाव आयोग ने लिया तत्काल संज्ञान
केंद्रीय चुनाव आयोग ने भाजपा नेता Ankit Anand द्वारा उठाए गए इस मुद्दे पर तुरंत संज्ञान लिया और मामले को उच्च प्राथमिकता के साथ देखा। आयोग ने इसे राज्य चुनाव आयोग के पास कार्रवाई के लिए भेजा है। राज्य चुनाव आयोग से इस संबंध में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मांगी गई है। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, इन स्थानांतरणों की गहन समीक्षा की जा रही है, और आवश्यकता पड़ने पर स्थानांतरित अधिकारियों को पुनः अन्यत्र स्थानांतरित किया जा सकता है।
जमशेदपुर सीओ के स्थानांतरण पर उठे सवाल
इस स्थानांतरण प्रक्रिया में जमशेदपुर के सीओ मनोज कुमार के स्थानांतरण का मुद्दा भी प्रमुख रहा। मनोज कुमार को हाल ही में जमशेदपुर पूर्वी से गिरिडीह स्थानांतरित किया गया था, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते उन्हें वापस जमशेदपुर में ही रखा गया। यह स्थानांतरण प्रक्रिया भाजपा द्वारा लगातार सवालों के घेरे में है, और भाजपा ने इस स्थानांतरण को चुनावी धांधली का एक प्रमुख उदाहरण बताया है।
राजनीतिक हस्तक्षेप पर सवाल
Ankit Anand ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि इन स्थानांतरणों में सत्तारूढ़ दल के कई विधायकों और जनप्रतिनिधियों का हस्तक्षेप शामिल है। उन्होंने कहा कि इन स्थानांतरणों को चुनावी लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से किया गया है, जिससे विपक्षी दलों, विशेषकर भाजपा, को नुकसान हो। उन्होंने यह भी मांग की कि चुनाव आयोग इन स्थानांतरणों को रद्द कर निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए।
अगली कार्रवाई की उम्मीद
इस मामले पर अब सबकी निगाहें चुनाव आयोग की अगली कार्रवाई पर हैं। अगर प्रारंभिक जांच में स्थानांतरणों में अनियमितता पाई जाती है, तो आयोग इन अधिकारियों को फिर से स्थानांतरित करने का आदेश जारी कर सकता है। झारखंड के आगामी चुनावों में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए भाजपा लगातार चुनाव आयोग पर दबाव बना रही है, और इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में राजनीतिक हलचल और बढ़ने की संभावना है।
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