सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले में डाउनलोड और देखना भी अपराध

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि बच्चों के साथ यौन अपराध से जुड़े वीडियोस को डाउनलोड करना, देखना और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट में रखना अपराध है। यह फैसला पॉक्सो एक्ट के सेक्शन 151 के तहत लागू होगा, भले ही व्यक्ति का मकसद वीडियो को पब्लिश करना या दूसरे को भेजना न हो।

सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया है जिसमें कहा गया था कि अगर कोई व्यक्ति इस तरह की वीडियो को अपने मोबाइल में रखता है और उसे ट्रांसमिट नहीं करता है, तो यह आईटी एक्ट या पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध नहीं माना जा सकता।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। अदालत ने स्पष्ट किया है कि बच्चों के साथ यौन अपराध से जुड़े वीडियोस को डाउनलोड करना, देखना और रखना अपराध है, और इसके लिए पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

यह फैसला बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उन लोगों के लिए एक बड़ा संदेश है जो चाइल्ड पोर्नोग्राफी में शामिल हैं।

 

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