Gupt Navratri 2024: गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ 6 जुलाई 2024 को आषाढ़ मास में हो रहा है और इसका समापन 15 जुलाई 2024 को होगा। यह नवरात्रि विशेष रूप से तंत्र साधना और गुप्त पूजा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस साल आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्रि में इस बार गुप्त नवरात्रि में माता रानी की सवारी घोड़ा है.
गुप्त नवरात्रि का महत्व(Gupt Navratri ka mahatva)
गुप्त नवरात्रि का महत्व मुख्य रूप से तंत्र साधना और विशेष पूजा के लिए होता है। यह नवरात्रि साधकों के लिए विशेष महत्व रखती है क्योंकि इस दौरान की गई पूजा और साधना का प्रभाव अधिक माना जाता है। यह नवरात्रि विशेष रूप से उन लोगों के लिए होती है जो गुप्त रूप से साधना करते हैं और जिनका उद्देश्य आध्यात्मिक प्रगति और सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
साल में चार नवरात्रि होती हैं, जो इस प्रकार हैं:
- चैत्र नवरात्रि: यह वसंत ऋतु में चैत्र मास में मनाई जाती है। इस नवरात्रि का प्रारंभ हिंदू नववर्ष के पहले दिन से होता है, जो मार्च या अप्रैल में पड़ता है।
- आश्विन नवरात्रि (शारदीय नवरात्रि): यह शरद ऋतु में आश्विन मास में मनाई जाती है। यह सबसे प्रमुख नवरात्रि है और दशहरे के पहले नौ दिनों तक चलती है, जो सितंबर या अक्टूबर में पड़ती है।
- गुप्त नवरात्रि (आषाढ़ नवरात्रि): यह वर्ष में दो बार मनाई जाती है, पहली आषाढ़ मास में (जून-जुलाई) और दूसरी माघ मास में (जनवरी-फरवरी)। गुप्त नवरात्रि विशेष रूप से तांत्रिक और गुप्त साधनाओं के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
- माघ नवरात्रि: यह सर्दियों में माघ मास में मनाई जाती है और मुख्य रूप से तांत्रिक साधकों के लिए महत्वपूर्ण होती है। यह जनवरी-फरवरी के महीने में आती है।
इन चार नवरात्रियों में से चैत्र और शारदीय नवरात्रि सबसे प्रमुख और व्यापक रूप से मनाई जाती हैं, जबकि गुप्त नवरात्रि और माघ नवरात्रि विशेष साधकों और तांत्रिकों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
गुप्त नवरात्रि का पालन करके साधक अपनी आत्मिक और मानसिक शक्ति को बढ़ा सकते हैं। इस दौरान की गई पूजा और साधना से न केवल तंत्रिक शक्तियों की प्राप्ति होती है बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि और शांति भी प्राप्त होती है।