गुरु पूर्णिमा के दिन गौतम बुद्ध ने अपने पहले पांच शिष्यों को पहला उपदेश दिया था
गुरु पूर्णिमा के दिन गौतम बुद्ध ने अपने पहले पांच शिष्यों को पहला उपदेश दिया था
गुरु पूर्णिमा 2024: हम सभी के जीवन में कुछ न कुछ मान्यताएं और मूल्य होते हैं जिनके आधार पर हम अपने जीवन को संचालित करते हैं। हमारे जीवन में कम से कम एक ऐसा गुरु अवश्य होता है जिसने हमें सही मार्ग पर चलने और सही निर्णय लेने की शिक्षा दी होती है। गुरु पूर्णिमा उन्हीं गुरुओं को समर्पित पर्व है जो हमें सही मार्ग दिखाते हैं और हमारे जीवन को बेहतर बनाते हैं। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य गुरुओं के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करना है।

गुरु पूर्णिमा 2024: इस वर्ष गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जाएगी। यह पर्व रविवार के दिन पड़ रहा है। ड्रिक पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई को शाम 6 बजे शुरू होगी और 21 जुलाई को दोपहर 3:42 बजे समाप्त होगी। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व महाभारत के लेखक और चरित्र वेद व्यास की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है।

बौद्ध धर्म के अनुसार, गुरु पूर्णिमा के दिन गौतम बुद्ध ने अपने पहले पांच शिष्यों को पहला उपदेश दिया था और संघ या शिष्यों के समुदाय की स्थापना की थी। इस दिन हिंदू लोग सुबह जल्दी उठकर महा गुरु की पूजा करते हैं। महा गीता के पाठ के माध्यम से महा गुरु को याद किया जाता है और उनके शिक्षाओं का स्मरण किया जाता है। फूल, उपहार, प्रसाद और चरणामृत इस शुभ दिन के अनुष्ठानों का हिस्सा होते हैं। वेद व्यास को समर्पित आश्रमों में इस दिन को चंदन पूजा के साथ मनाया जाता है।

गुरु पूर्णिमा का पर्व न केवल हमारे गुरुओं के प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक अवसर है, बल्कि यह हमें यह भी याद दिलाता है कि सही मार्गदर्शन और शिक्षा हमारे जीवन को सही दिशा में ले जाने में कितनी महत्वपूर्ण होती है।

आइए इस गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरुओं को नमन करें और उनके शिक्षाओं को अपने जीवन में आत्मसात करें।

 

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