“संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए व्रतधारी महिलाओं ने किया विधिपूर्वक पूजन” – दिनेश कुमार
जमशेदपुर: छत्तीसगढ़ी समाज की महिलाओं ने भादो मास के कृष्णपक्ष की षष्ठी के अवसर पर Shitla Mata Mandir, टुईलाडूंगरी में कमरछठ हलषष्ठी व्रत का आयोजन किया। इस अवसर पर महिलाओं ने अपने बाल-बच्चों की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना के लिए पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की।
मंदिर समिति के अध्यक्ष दिनेश कुमार ने बताया कि भगवान बलराम की जन्मजयंती और इस विशेष अवसर पर छत्तीसगढ़ी समाज की महिलाएं अपने बच्चों की खुशहाली के लिए इस व्रत और पूजा को संपन्न करती हैं। इस मौके पर महिलाओं ने संतान प्राप्ति और उनके स्वास्थ के लिए भैंस के दूध, दही, घी, लाई, महुवा, कांसी, पसहर का चावल, फूल, दुब, रोली, चंदन, नारियल, सुहाग की सामग्री, बच्चों के खिलौने और छः प्रकार की भाजी से पूजा की।
पूजा में शामिल व्रतधारी महिलाओं में जमुना निषाद, रानी देवी, सोनी साहू, चांदनी साहू, लक्ष्मी साहू, शारदा यादव, पुष्पा साहू, राजेश्वरी देवी, संध्या देवी, हेमपुष्पा निषाद, रोहिणी देवी, प्रिया देवी, रिंकी साहू, सोनी देवी, सीमा कुमारी, बेनी देवी, लक्ष्मी देवी, चित्रा देवी, निर्मला साहू, अनुपा साहू, कुंती, पार्वती देवी, कमला निषाद, मनोरमा साहू, बबली निषाद, फुलेश्वरी निषाद, नंदनी साहू और चंदा साहू सहित सैकड़ों महिलाएं शामिल थीं।
मंदिर समिति के महामंत्री गिरधारी लाल जी ने पूजा को संपन्न करवाने में अहम भूमिका निभाई, जबकि डॉ. शंकर लाल जी ने महिलाओं को विभिन्न धार्मिक कथाओं से अवगत कराते हुए पूजा की महत्ता बताई। इस पूजन के आयोजन में मोतीलाल साहू, खलेश्वर साहू, त्रिवेणी निषाद, नरेश निषाद, गंगाराम साहू, चंद्र भूषण, विजय निर्मलकर और रोशन साहू का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।
समाज की महिलाओं ने इस अवसर पर एकजुट होकर सामूहिक रूप से पूजा की और अपने परिवार की सुख-समृद्धि और बच्चों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना की। यह आयोजन छत्तीसगढ़ी समाज की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक आस्था को प्रकट करता है, जिसमें बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल होकर इसे सफल बनाते हैं।