देवघर: झारखंड विधानसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में असम के मुख्यमंत्री और भाजपा के झारखंड चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा को बड़ी राहत मिली है। देवघर डीसी ने सरमा को आरोपों से क्लीन चिट दे दी है। दरअसल, दो नवंबर को झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य और इंडिया गठबंधन के अन्य नेताओं ने सरमा पर देवघर के सारठ में आयोजित सभा के दौरान विभाजनकारी बयान देने का आरोप लगाया था। झामुमो, कांग्रेस, माले, और राजद नेताओं ने इसे लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से शिकायत की थी।
क्या थे आरोप?
शिकायत में कहा गया था कि हिमंता सरमा ने चुनावी सभा में एक विशेष समुदाय को लेकर टिप्पणी की, जो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन और सामुदायिक विभाजन की साजिश है। इन आरोपों पर कार्रवाई के लिए देवघर डीसी ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई, जिसमें सारठ के बीडीओ, राज्य कर संयुक्त आयुक्त, और सारठ विधानसभा क्षेत्र के निर्वाची पदाधिकारी शामिल थे।
जांच रिपोर्ट के निष्कर्ष
जांच टीम ने सरमा के भाषण की सीडी की जांच की और पाया कि लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हुई। रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो में कोई प्रमाण नहीं मिला जिससे यह कहा जा सके कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है। इस आधार पर सरमा को क्लीन चिट दी गई है।
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