झारखंड में आंदोलन का भयंकर रूप
झारखंड में आंदोलन का भयंकर रूप

झारखंड में आंदोलन का उग्र रूप, धरने पर बैठे सहायक पुलिस कर्मियों पर ख़ाकी का लाठी चार्ज

रांची: झारखंड के सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन शुक्रवार को हिंसक रूप ले लिया जब उनकी सेवा स्थायी करने की मांग पर राज्य सरकार के साथ वार्ता विफल हो गई। मोरहाबादी मैदान में पिछले दो हफ्तों से धरना दे रहे हजारों सहायक पुलिसकर्मी बैरिकेड्स तोड़कर कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ गए।

विवरण

आंदोलित सहायक पुलिसकर्मियों ने पुलिस की तीन-चार गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया और रोकने की कोशिश कर रहे सुरक्षाबलों पर पथराव भी किया, जिसमें कई लोग घायल हो गए। पिछले दो हफ्तों से वेतन बढ़ाने और सेवा स्थायी करने की मांग को लेकर ये पुलिसकर्मी रांची के मोरहाबादी मैदान में डेरा डाले हुए थे, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं।

तीन दिन पहले इन्हीं सहायक पुलिसकर्मियों ने राजभवन का घेराव करने की कोशिश की थी, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया था। शुक्रवार को आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का ऐलान किया था, जिसे देखते हुए राज्य सरकार के आला अधिकारियों ने उनके प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए आमंत्रित किया।

वार्ता विफलता

वार्ता के दौरान सरकार ने वेतन में 20 प्रतिशत वृद्धि और उनकी सेवा को एक साल के एक्सटेंशन का प्रस्ताव रखा, लेकिन आंदोलनकारियों के प्रतिनिधि विवेकानंद ने वार्ता के बाद कहा कि उनकी मांगें पूरी नहीं की जा रही हैं। इसके बाद हजारों सहायक पुलिसकर्मी नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ने लगे। सुरक्षाबलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वे उग्र हो उठे और तीन-चार बैरिकेड्स तोड़ दिए। आंदोलित पुलिसकर्मियों ने पुलिस वाहनों पर पथराव किया और वज्र वाहन पर कब्जा कर उसके टायर की हवा निकाल दी।

लाठीचार्ज और तनाव

सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज किया, लेकिन आंदोलनकारियों ने लाठियां छीनकर सुरक्षाबलों पर ही हमला कर दिया। एक बड़ा जत्था मुख्यमंत्री आवास के पास पहुंच गया है और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

 

Twitter पर प्रतिक्रिया

Jharkhand Sahyak Police की ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टैग करते हुए उन्हें इस कृत्य के लिए चेतावनी दी गयी है कि “जिस प्रकार से हम सभी निहत्थे जवानों पर लाठी चार्ज किया गया है माननीय मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM ये सब हम सभी आदिवासी मूलवासी बच्चें याद रखेंगे। कैसे झारखंड सरकार हमारी शोषण कर रही है अब पुलिस से ही हम सभी को पिटवाया गया।”

 

सरकारी बयान

झारखंड पुलिस मुख्यालय में एडीजी मुख्यालय आरके मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सहायक पुलिसकर्मियों का अनुबंध एक साल बढ़ाने और पुलिस बहाली में आरक्षण देने पर सहमति बन गई है। उन्होंने कहा कि नौ अगस्त से समाप्त हो रहा अनुबंध एक साल के लिए बढ़ाया जाएगा और वेतन भत्ते में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा रही है। इसके अलावा, झारखंड पुलिस में होने वाली भर्ती में सहायक पुलिसकर्मियों को आरक्षण दिया जाएगा।

यह घटनाक्रम झारखंड में प्रशासन और सहायक पुलिसकर्मियों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को और अधिक जटिल बना रहा है, जिससे राज्य में सुरक्षा स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

 

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By admin

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