Jharkhand विपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी ने सीएम हेमंत सोरेन पर साधा निशाना, पूछा – क्या युवा शक्ति से डर गए हैं ?
Jharkhand की राजनीति में एक बार फिर से उबाल आ गया है। इस बार मामला युवाओं की नाराजगी और हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ भाजपा की ‘युवा आक्रोश रैली’ का है। भाजपा की झारखंड इकाई ने 23 अगस्त को रांची में इस रैली का आयोजन किया है, जहां एक लाख से ज्यादा युवाओं के जुटने की उम्मीद है। भाजपा के अनुसार, यह रैली मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली I.N.D.I.A सरकार के खिलाफ है, जो राज्य के युवाओं के लिए दुश्मन साबित हो रही है।
‘डर गए क्या, हेमंत जी?’
न केवल रैली की तैयारियों में जोर-शोर से जुटी भाजपा, बल्कि विपक्ष के नेता भी अपने ट्वीट से सरकार को घेर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने सरकार पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, “क्या हुआ हेमंत जी, डर गए क्या?” ऐसा लग रहा है कि हेमंत सोरेन की सरकार इस रैली से घबरा गई है, तभी तो दुमका प्रशासन ने गोड्डा विधायक अमित मंडल के नेतृत्व में रांची आ रहे हजारों युवाओं को रोकने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर सरकार सही है, तो उसे डर किस बात का है?
क्या हुआ “हेमंत जी”, डर गए क्या❓
दुमका प्रशासन द्वारा गोड्डा विधायक श्री अमित मंडल जी के नेतृत्व में रांची आ रहे हजारों युवाओं को रोके जाने की सूचना मिली है। ठीक इसी प्रकार राज्य के अलग-अलग हिस्सों से भी ऐसी खबरें आ रही है।
युवा विरोधी झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार गजब डरी हुई… pic.twitter.com/ZsCqm713fh
— Amar Kumar Bauri (@amarbauri) August 22, 2024
हेमंत सरकार की वादाखिलाफी: बेरोजगारी से लेकर विकास तक
युवा आक्रोश रैली का उद्देश्य स्पष्ट है—हेमंत सोरेन सरकार की वादाखिलाफी को उजागर करना। भाजपा का दावा है कि इस सरकार ने युवाओं को सिर्फ झूठे वादों से ठगा है। चाहे वह बेरोजगारी भत्ता हो या सरकारी नौकरियों की बात, सरकार हर मोर्चे पर असफल रही है। मुख्यमंत्री मइया सम्मान योजना जैसी योजनाओं को भी महिलाओं के साथ ठगी बताया जा रहा है, जिसमें 25-50 साल की महिलाओं को सिर्फ वोट बैंक के लिए इस्तेमाल किया गया।
Godda विधायक Amit Mandal संग पुलिस की नोक-झोक की वीडियो देखें…
दुमका प्रशासन द्वारा गोड्डा विधायक अमित मंडल के नेतृत्व में रांची आ रहे हजारों युवाओं को रोके जाने की खबरें सामने आईं।
वहीं भाजपा के एक युवा नेता ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स [पूर्व में ट्विटर] पर बेरोजगार युवाओं के दर्द को छोटे कविता के मार्फ़त साझा किया है, जिसपर लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है ।
पंखे से लटक रहा था, एक निष्प्राण युवा
एक तरफ चीख पुकार थी, तो दूसरी ओर
पड़ोसी चर्चा कर रहे थे
प्रेम या स्त्री का चक्कर लगता है
कुछ पारिवारिक कलह को
जिम्मेदार मान रहे थे
सबको सब नजर आया
बस एक उसकी बेरोजगारी को छोड़ कर 🥲#YuvaAakroshRailly🚩 #HemantHatao— ANKIT ANAND 🇮🇳 { मोदी का परिवार🪷🚩} (@Ankitsatyagrahi) August 22, 2024
युवा आक्रोश रैली: चुनावी बिगुल
भाजपा के लिए यह ‘युवा आक्रोश रैली’ केवल विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि 2024 विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी बिगुल भी है। राज्य भाजपा प्रमुख बाबूलाल मरांडी और अन्य नेताओं ने मंगलवार को पार्टी के राज्य कार्यालय में हुई बैठक में रैली की तैयारियों का जायजा लिया। इस बैठक में विधायकों और सांसदों से फीडबैक लिया गया और आगे की रणनीति तैयार की गई।
सरकार की दमनकारी नीतियां: रैली को असफल करने की कोशिश?
रैली की तैयारी के बीच, हेमंत सरकार ने अपनी घबराहट में गिरफ्तारियां शुरू कर दी हैं ताकि रैली को असफल बनाया जा सके। राज्य के विभिन्न हिस्सों से भाजपा कार्यकर्ताओं को रोकने की खबरें आ रही हैं। लेकिन क्या सरकार यह भूल रही है कि दबाव और दमन से ही आक्रोश और बढ़ता है?
हेमंत सोरेन की सरकार, जो खुद को ‘युवा हितैषी’ कहती है, अब इस रैली से क्यों डर रही है? क्या ‘जंगलराज’ की यह नई तस्वीर झारखंड की जनता को पसंद आएगी? या फिर इस ‘युवा आक्रोश रैली’ के जरिए भाजपा सरकार को आईना दिखाने में सफल होगी? यह तो समय ही बताएगा, लेकिन एक बात तो तय है—झारखंड की राजनीति में गर्मी बढ़ती जा रही है।