कारगिल युद्ध: 1999 में, भारतीय सेना और पाकिस्तानी घुसपैठियों के बीच कारगिल की बर्फीली पहाड़ियों में युद्ध हुआ था। पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की और महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा कर लिया था। भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय के तहत इन चोटियों को पुनः कब्जे में लेने का संकल्प लिया। यह युद्ध लगभग दो महीने तक चला और अंततः भारतीय सेना ने विजय प्राप्त की।
वीरों का बलिदान: इस युद्ध में भारतीय सेना के अनेक जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी। कैप्टन विक्रम बत्रा, कैप्टन मनोज पांडेय, ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव और अन्य वीर सैनिकों की वीरता और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इन वीरों की कहानियाँ हर भारतीय के दिल में गर्व और प्रेरणा का स्रोत हैं।
कारगिल विजय दिवस का महत्व: कारगिल विजय दिवस न केवल भारतीय सेना की शक्ति और संकल्प का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय जनता के विश्वास और समर्थन का भी प्रतीक है। यह दिवस हमें याद दिलाता है कि हमारी सेना हमेशा हमारी सुरक्षा के लिए तत्पर है और हमारे देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए हर संभव प्रयास करती है।
समारोह और श्रद्धांजलि: हर साल 26 जुलाई को पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। दिल्ली के इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है। कारगिल युद्ध स्मारक पर भी विशेष समारोह का आयोजन किया जाता है, जहां सैनिकों के परिवार और वरिष्ठ अधिकारी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
निष्कर्ष: कारगिल विजय दिवस हमें हमारी सेना के साहस और वीरता की याद दिलाता है। यह दिन उन वीर सैनिकों के बलिदान को सम्मानित करने और हमारी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देने के लिए है। हमें गर्व है कि हमारी सेना ने हमारे देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया और हमें सुरक्षित और स्वतंत्र बनाए रखा।