Maharastra: सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने से राजनीति गरमाई
सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना ने राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है। इस घटना ने राजनीतिक दलों को एक बार फिर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने का अवसर प्रदान किया है। प्रतिमा गिरने के बाद अजीत पवार गुट, जो वर्तमान में शिंदे सरकार का हिस्सा है, ने खुलकर विरोध प्रदर्शन किया। चेंबूर में प्रदर्शनकारियों ने ‘जय शिवाजी जय भवानी’ के नारे लगाए और स्थानीय प्रशासन पर प्रतिमा की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए। इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा की गरिमा को बनाए रखना और सरकार की असमर्थता को उजागर करना था।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस विवाद को शांत कराने की कोशिश की और कहा कि वह 100 बार शिवाजी महाराज से माफी मांगेंगे। उनके इस बयान ने राजनीतिक परिदृश्य को और भी जटिल बना दिया है। शिंदे सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन इस घटना ने राज्य में धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों को एक नया मोड़ दे दिया है। इसके साथ ही, विपक्षी दलों ने भी इस घटना को लेकर शिंदे सरकार की आलोचना की है, और यह मामला आगामी चुनावों में एक प्रमुख मुद्दा बन सकता है।
इस घटना के राजनीतिक और सामाजिक प्रभावों को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा केवल एक सांस्कृतिक प्रतीक नहीं बल्कि राज्य की राजनीति का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके साथ ही, इस विवाद ने स्थानीय लोगों की भावनाओं को भी गहराई से प्रभावित किया है।
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