भाजपा की ‘#MilaKya?’ थीम से गरमाई झारखंड की राजनीति, X (पूर्व में ट्विटर) पर छिड़ी बहस…
Jharkhand की राजनीति में इस समय एक सवाल तेजी से उभर रहा है—”मिला क्या?” भाजपा द्वारा उठाया गया यह सवाल अब सोशल मीडिया पर जोर पकड़ रहा है, खासकर X (पूर्व में ट्विटर) पर #MilaKya ट्रेंड कर रहा है, और इसके केंद्र में हैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन।
झारखंड के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था, मिला क्या?#MilaKya pic.twitter.com/Bly9KOqOp3
— BJP JHARKHAND (@BJP4Jharkhand) August 25, 2024
युवाओं के तीखे सवाल और मुख्यमंत्री की मुश्किलें
झारखंड के युवा, जो बेहतर नौकरी, शिक्षा, और विकास की उम्मीद में थे, अब खुलेआम पूछ रहे हैं, “मिला क्या?” चुनावों के दौरान किए गए वादों को याद करते हुए, वे सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सीधे-सीधे घेर रहे हैं। भाजपा की इस नई चुनावी थीम ने राज्य के युवाओं में एक नई बहस छेड़ दी है।
भाजपा की ‘मिला क्या?’ थीम से सोशल मीडिया पर धमाल, ट्रोल हुए मुख्यमंत्री
झारखंड पूछ रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व वाली झामुमो सरकार के पिछले साढ़े चार साल के निकम्मे कार्यकाल में झारखंडवासियों को झूठे वादे या धोखा के अलावा मिला क्या? pic.twitter.com/4hM47k0voU
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भाजपा ने अपनी इस थीम के जरिए हेमंत सरकार के कार्यकाल की कड़ी समीक्षा शुरू की है। पार्टी के अनुसार, जो वादे किए गए थे, वे अब तक पूरे नहीं हुए हैं। युवाओं के रोजगार, किसानों की भलाई, महिलाओं की सुरक्षा—इन सभी मुद्दों पर भाजपा ने हेमंत सोरेन सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
जैसे-जैसे #MilaKya X (पूर्व में ट्विटर) पर ट्रेंड करने लगा, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ ट्रोलिंग भी शुरू हो गई। सोशल मीडिया यूजर्स मुख्यमंत्री से सीधे सवाल पूछ रहे हैं और जवाब की मांग कर रहे हैं। विरोधी दलों ने भी इस मौके का पूरा फायदा उठाया और हेमंत सरकार की नाकामियों को उजागर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
निश्चयपत्र की असलियत और घोषणापत्र का ब्लूप्रिंट: भाजपा का डबल अटैक
झारखंड की विवाहित बहनों को हर महीने ₹2,000 चूल्हा-चौका के लिए भत्ता देने का वादा किया था, मिला क्या?#MilaKya pic.twitter.com/Y2U4uthXxH
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भाजपा ने झामुमो के ‘निश्चयपत्र’ के वादों की असलियत को उजागर करने के साथ-साथ अपने घोषणापत्र की तैयारी भी शुरू कर दी है। पार्टी की योजना है कि इस बार जनता के सामने वह वादे रखे जाएं जिनकी पूरी होने की संभावनाएं भी हों और जनता का विश्वास भी जीता जा सके।
झारखंड की राजनीति में ‘मिला क्या?’ सवाल ने न केवल भाजपा के प्रचार अभियान को धार दी है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी एक नई बहस को जन्म दिया है। अब देखना यह है कि इस सवाल के सामने हेमंत सोरेन और उनकी सरकार कैसे टिक पाते हैं, और क्या जनता को उनके पास से कोई संतोषजनक जवाब मिल पाता है या नहीं।