शक्ति की देवी मां दुर्गा की आराधना का प्रमुख पर्व, शारदीय नवरात्र, इस वर्ष 3 अक्टूबर से आरंभ हो रहा है। नवरात्र के नौ दिनों में मां भगवती की उपासना विशेष रूप से की जाती है। इस दौरान घट स्थापना के साथ मां दुर्गा का स्वागत किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस वर्ष नवरात्र का आगमन और प्रस्थान दोनों ही विशेष हैं।
माता का आगमन और प्रस्थान
धर्म विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार नवरात्र का आरंभ गुरुवार से हो रहा है, जो देवी के पालकी में आगमन का संकेत है। देवीपुराण में इसे अशुभ माना जाता है। वहीं, नवरात्र का समापन शनिवार को होगा, जो दर्शाता है कि माता का प्रस्थान पैदल होगा, जिसे भी शुभ नहीं माना जाता। धार्मिक दृष्टि से माता का पालकी में आगमन और पैदल प्रस्थान भविष्य में कुछ अशुभ घटनाओं का संकेत हो सकता है।
संभावित घटनाओं के संकेत
धर्म विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार देवी के आगमन और प्रस्थान की स्थिति को देखते हुए, वैश्विक स्तर पर कुछ अप्रिय घटनाएं होने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि हिंसा की घटनाओं में वृद्धि हो सकती है, साथ ही प्राकृतिक आपदाएं, महामारी और आर्थिक मंदी जैसी चुनौतियां भी उत्पन्न हो सकती हैं।
शारदीय नवरात्र की तिथियां
इस वर्ष शारदीय नवरात्र अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू हो रहे हैं। तिथियां निम्नलिखित हैं:
- 3 अक्टूबर: मां शैलपुत्री
- 4 अक्टूबर: मां ब्रह्मचारिणी
- 5 अक्टूबर: मां चंद्रघंटा
- 6 अक्टूबर: मां कुष्मांडा
- 7 अक्टूबर: मां स्कन्दमाता
- 8 अक्टूबर: मां कात्यायनी
- 9 अक्टूबर: मां कालरात्रि
- 10 अक्टूबर: मां सिद्धिदात्री
- 11 अक्टूबर: मां महागौरी
- 12 अक्टूबर: दशहरा और मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 3 अक्टूबर को प्रातः 6:24 बजे से 8:45 बजे तक रहेगा। इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त 11:52 से 12:39 बजे तक रहेगा, जो विशेष रूप से पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है।
इस बार के शारदीय नवरात्र में माता की कृपा के साथ-साथ कुछ चुनौतियों का संकेत भी मिल रहा है, इसलिए सभी को देवी की विशेष आराधना करते हुए धैर्य और संयम से कार्य करने की सलाह दी जा रही है।
अगर आपके आसपास कोई खबर हो, तो हमें 9905618845 नंबर पर WhatsApp करें।
Saransh News के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए, इस लिंक को क्लिक करें :
https://chat.whatsapp.com/BkrWzsoIov0ISUvZGDJxKI