देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति और समाजसेवी रतन टाटा के निधन के बाद, टाटा ट्रस्ट का नेतृत्व अब उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को सौंपा गया है। रतन टाटा का निधन 9 अक्टूबर को 86 वर्ष की उम्र में हुआ था, जिसके बाद 11 अक्टूबर को मुंबई में टाटा ट्रस्ट की एक महत्वपूर्ण बैठक में सर्वसम्मति से नोएल टाटा को ट्रस्ट का नया अध्यक्ष चुना गया।
नोएल टाटा, जिन्होंने पिछले 40 वर्षों से अधिक समय से टाटा समूह के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दी हैं, को यह जिम्मेदारी सौंपे जाने का फैसला टाटा ग्रुप की कॉरपोरेट वकील एचपी रानीना ने “संगठन के लिए बेहतरीन” करार दिया है। उनके मुताबिक, इस नियुक्ति से ट्रस्ट की निरंतरता और समन्वय बनाए रखने में मदद मिलेगी।
टाटा ट्रस्ट, टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है। रतन टाटा के कोई संतान नहीं होने के कारण, उनके निधन के बाद उत्तराधिकारी के रूप में नोएल टाटा का नाम स्वाभाविक रूप से सामने आया। 67 वर्षीय नोएल टाटा टाटा संस में प्रमुख हिस्सेदारी रखते हैं और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट व सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी भी रहे हैं।
पारसी समुदाय, जो परंपरागत रूप से टाटा परिवार से जुड़ा हुआ है, ने भी इस पद के लिए नोएल टाटा का समर्थन किया। उनकी टाटा समूह के साथ लंबे समय से चली आ रही भागीदारी और अनुभव ने उन्हें इस महत्वपूर्ण पद के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति बना दिया है।
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