India at the Olympics 2024: अमन सेहरावत ने कुश्ती में भारत की शान को बरकरार रखते हुए, पेरिस ओलंपिक्स में रचा इतिहास
India at the Olympics 2024: अमन सेहरावत ने कुश्ती में भारत की शान को बरकरार रखते हुए, पेरिस ओलंपिक्स में रचा इतिहास

India at the Olympics 2024 : विपत्तियों के साये में पला, हिम्मत से चमका; अमन ने पेरिस में रचा इतिहास…

Olympics 2024 में अमन सेहरावत की प्रेरक यात्रा

प्रारंभिक जीवन में संघर्ष: अमन का जन्म 16 जुलाई 2003 को झज्जर, हरियाणा में हुआ। 11 साल की उम्र में ही उसने अपने माता-पिता को खो दिया। मां की मौत डिप्रेशन से हुई, और पिता एक साल बाद चल बसे।

पहलवानी का जुनून: माता-पिता की मौत के बाद, अमन ने अपने दर्द को कुश्ती के रिंग में बदला। उसने कोच ललित कुमार के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग शुरू की, और जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियां: 2021 में पहली बार राष्ट्रीय चैंपियन बने। 2022 में एशियन गेम्स में 57 किलो वर्ग में कांस्य पदक और 2023 में कजाकिस्तान के अस्ताना में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।

पेरिस ओलंपिक्स 2024: पेरिस ओलंपिक्स में, अमन ने 57 किलो वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत के लिए कुश्ती में पांचवां कांस्य पदक हासिल किया।

मेडल जीतने की यात्रा :
राउंड ऑफ 16: नॉर्थ मैसिडोनिया के व्लादिमीर एग्रोव को 10-0 से हराया।
क्वार्टरफाइनल: अल्बानिया के ज़ेलिमखान अबाकानोव को 12-0 से तकनीकी सुपीरियरिटी से हराया।
ब्रॉन्ज मेडल मैच: पुएर्तो रिको के डारियन तोई क्रूज़ को 13-5 से मात देकर कांस्य पदक जीता।

अमन का संकल्प:

अमन सेहरावत ने अपने ब्रॉन्ज मेडल को अपने दिवंगत माता-पिता और भारत को समर्पित किया। उन्होंने कहा, “मेरे माता-पिता हमेशा चाहते थे कि मैं एक पहलवान बनूं। वे ओलंपिक्स के बारे में कुछ नहीं जानते थे, लेकिन वे मुझे एक पहलवान के रूप में देखना चाहते थे।”

अमन सेहरावत की प्रेरणा:

अमन की कहानी केवल एक पहलवान की नहीं, बल्कि एक योद्धा की है, जिसने विपत्तियों के सागर को पार कर अपने सपनों को पूरा किया। उनकी मेहनत और दृढ़ता ने उन्हें न केवल भारत का गर्व बनाया, बल्कि युवाओं के लिए एक मिसाल भी कायम की।

 

SARANSH NEWS

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