Politics Over Justice in Bengal: ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप, क्या राजनीति ने इंसाफ को पीछे छोड़ दिया?
Politics Over Justice in Bengal: ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप, क्या राजनीति ने इंसाफ को पीछे छोड़ दिया? | image : facebook

Politics Over Justice in Bengal:

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर एक बार फिर से राजनीति करने के आरोप लगे हैं, जो राज्य में एक महिला के साथ हुई अभद्रता के मामले को लेकर उठाए गए हैं। बंगाल की जनता, विशेषकर महिलाएं, उनसे उम्मीद कर रही थीं कि वह एक महिला होने के नाते इस मामले में न्याय दिलाने के लिए कड़े कदम उठाएंगी। परंतु, इस गंभीर मुद्दे पर ममता बनर्जी का ध्यान राजनीति पर अधिक केंद्रित नजर आ रहा है।

यह मामला बेहद गंभीर है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। लेकिन ममता बनर्जी पर आरोप लग रहे हैं कि वह इस मुद्दे पर राजनीति से बाज नहीं आ रही हैं। उनकी तरफ से किए गए कुछ कदम इस समय पर शोभनीय नहीं माने जा रहे हैं, जो उनके नेतृत्व पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

सवाल यह भी उठता है कि जब वह खुद सत्ता में हैं, तो सड़कों पर जाकर इंसाफ मांगने की आवश्यकता क्यों पड़ रही है? जनता उनसे उम्मीद करती है कि वह मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और गृह मंत्री के तौर पर अपनी ज़िम्मेदारी निभाएं, न कि विपक्ष पर सवाल उठाकर खुद को जवाबदेही से दूर रखें।

और सबसे गंभीर आरोप तब लगा, जब ममता बनर्जी ने मध्यरात्रि विरोध करने वालो पर हमला करने वालो को ‘राम‘ और ‘वाम‘ का नाम दे दिया। सवाल उठता है कि क्या भगवान राम कभी ऐसे कृत्यों का समर्थन करते थे? राम का नाम, जो भारत के करोड़ों लोगों की आस्था का प्रतीक है, उसे राजनीति में क्यों घसीटा गया?

ममता बनर्जी को यह समझना होगा कि राम हमेशा अधर्म के खिलाफ खड़े रहे और धर्म का पालन करना उनका कर्तव्य था। किसी पार्टी या गुट को संबोधित करने के लिए राम का नाम लेने से उन करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंचती है, जो भगवान राम को अपना आदर्श मानते हैं।

बंगाल की जनता अब ममता बनर्जी से सीधे जवाब चाहती है। यह समय राजनीति करने का नहीं, बल्कि न्याय सुनिश्चित करने का है। ममता बनर्जी को समझना होगा कि इस गंभीर स्थिति में उन्हें अपनी जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए, और तुरंत ठोस कदम उठाने चाहिए।

 

SARANSH NEWS

By admin

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