रेल यात्रियों द्वारा खराब खाना, गंदगी, कोच-टॉयलेट की स्थिति, खराब एसी-लाइट और अन्य समस्याओं को लेकर सोशल मीडिया पर शिकायतें दर्ज करने के बाद रेलवे ने सख्त कदम उठाए हैं। रेलवे बोर्ड और डिवीजनल अधिकारियों ने शिकायतों के समाधान के लिए तेजी से कार्रवाई की है। पिछले छह महीनों में रेलवे ने कैटरिंग ठेकेदारों पर 4.40 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल सेवाओं में सुधार के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। रेलवे बोर्ड की निगरानी टीम सोशल मीडिया, रेल मदद ऑनलाइन और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर आने वाली शिकायतों पर 24 घंटे निगरानी रखती है। अब तक खराब खानपान और गंदगी से जुड़ी 1,750 शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए 25,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक के जुर्माने लगाए गए हैं।
रेलवे के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2024 से अक्टूबर 2024 के बीच खराब खानपान से संबंधित 30 मामलों में कार्रवाई की गई। देहरादून शताब्दी के एक ठेकेदार पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। कुल मिलाकर, कैटरिंग ठेकेदारों पर 4.40 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है।
कैटरिंग के अलावा, कोच-टॉयलेट की गंदगी, खराब एसी, स्टेशनों पर लिफ्ट और एस्केलेटर की खराबी के मामलों में 10,000 से 20,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया गया। रेलवे अधिकारियों ने ठेकेदारों को बार-बार एक ही प्रकार की शिकायत मिलने पर चेतावनी दी है और समस्या का तुरंत समाधान करने के निर्देश दिए हैं।
रेलवे बोर्ड ने यात्रियों से कहा है कि वे अपनी समस्याओं को सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से दर्ज कराएं, ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके। इस तरह की सख्त कार्रवाई से रेलवे में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
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