Ramayana के इन दो प्रसंगों से मिलती है महिला अस्मिता की रक्षा की सबक, बालि वध से लेकर जटायु की इच्छामृत्यु आज भी प्रासंगिक, पढ़ें...
Ramayana के इन दो प्रसंगों से मिलती है महिला अस्मिता की रक्षा की सबक, बालि वध से लेकर जटायु की इच्छामृत्यु आज भी प्रासंगिक, पढ़ें...

जटायु का बलिदान और बाली वध: Ramayana के पात्रों से मिलती है अपराध के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा

प्राचीन गाथाओं से सीखें आधुनिक समाज के लिए सबक

महिलाओं की सुरक्षा और उनके सम्मान की बात कोई नई नहीं है। Ramayana जैसे महान ग्रंथों में भी महिलाओं के प्रति अपराधों का जिक्र मिलता है, और उन अपराधों के दंड का भी वर्णन है। भगवान राम और बाली की कथा से लेकर जटायु के बलिदान तक, ये कहानियां आज के समाज के लिए बहुत बड़ी सीख हैं, विशेष रूप से ऐसे समय में जब महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है।

बाली वध: महिलाओं के सम्मान की रक्षा का संदेश

Baali Vadh

रामायण की कथा में जब भगवान राम ने बाली का वध किया, तो बाली ने प्रभु से हाथ जोड़कर पूछा, “मैं बैरी सुग्रीव पिआरा, अवगुन कवन नाथ मोहि मारा?” इस पर भगवान राम ने उसे स्पष्ट किया कि जो व्यक्ति अपने छोटे भाई की पत्नी, बहन, पुत्र की पत्नी या किसी भी कन्या को बुरी दृष्टि से देखता है, उसके वध में कोई पाप नहीं है। यह संदेश आज भी प्रासंगिक है। महिलाओं का सम्मान, उनकी सुरक्षा, और उनके अधिकारों की रक्षा करना समाज का परम कर्तव्य है।

जटायु का बलिदान: महिलाओं की सुरक्षा के लिए समर्पण

Jatayu

जटायु, जो गिद्धराज थे, ने रावण से माता सीता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। जटायु ने अपनी पूरी शक्ति का प्रयोग करते हुए रावण से लड़ा, लेकिन अंततः अपने पंख कटवाकर पृथ्वी पर गिर गए। अपने अंतिम सांसों में, उन्होंने भगवान राम को सीता के अपहरण की सूचना दी। जटायु का यह बलिदान आज के समाज के लिए एक प्रेरणा है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाना चाहिए, चाहे वह कितनी भी कठिन परिस्थितियों में क्यों न हो।

आधुनिक समाज में महिलाओं की स्थिति: एक कड़वा सत्य

आज जब हम रामायण के इन प्रसंगों को देखते हैं, तो हमें यह सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि हमारे समाज ने महिलाओं की सुरक्षा के प्रति कितनी प्रगति की है। हाल ही में RG Kar Medical College की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध आज भी हमारे समाज में जड़ें जमाए हुए हैं।

RG Kar Medical College में हुई घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि हमारी शिक्षा प्रणाली और समाजिक संरचना में कहीं न कहीं गंभीर खामियां हैं, जो महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में असफल हो रही हैं। यह घटना हमारे समाज के लिए एक चेतावनी है कि अगर हमने समय रहते इन खामियों को नहीं सुधारा, तो ऐसी घटनाएं और भी बढ़ेंगी।

समाज के लिए सीख: एकजुट होकर करें अपराधों का सामना

रामायण की कहानियों और जटायु जैसे पात्रों से हमें यह सीखना चाहिए कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए हमें एकजुट होकर अपराधों का सामना करना चाहिए। चाहे वह घरेलू हिंसा हो, छेड़छाड़ हो, या बलात्कार जैसी घटनाएं—इन सबके खिलाफ समाज को खड़ा होना होगा और अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलानी होगी।

जटायु के बलिदान से प्रेरणा लेते हुए और रामायण के संदेशों को आत्मसात करते हुए, हमें एक ऐसा समाज बनाना होगा जहाँ महिलाएं सुरक्षित महसूस करें और उन्हें किसी भी प्रकार के अपराध से डरने की जरूरत न हो। यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने समाज को महिलाओं के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक बनाएं।

SARANSH NEWS

By Admin

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