Shikhar Dhawan Retirement:
भारतीय क्रिकेट के ‘गब्बर’, शिखर धवन ने आज अपने 14 साल लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कह दिया। अपने संन्यास की घोषणा के साथ ही धवन ने अपनी कुछ यादगार पारियों को भी याद किया, जो उनके करियर की प्रमुख उपलब्धियों में गिनी जाती हैं। धवन के करियर को फॉलो करने वाले सभी लोग उनकी टेस्ट डेब्यू पारी को, जिसमें उन्होंने 187 रन बनाए थे, सबसे ऊँचा स्थान देंगे। लेकिन धवन के दिल में एक और पारी है जो उनके करियर की सबसे खास पारी मानी जाती है।
As I close this chapter of my cricketing journey, I carry with me countless memories and gratitude. Thank you for the love and support! Jai Hind! 🇮🇳 pic.twitter.com/QKxRH55Lgx
— Shikhar Dhawan (@SDhawan25) August 24, 2024
शिखर धवन ने ICC टूर्नामेंट्स में भारत की बल्लेबाजी को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 20 वनडे मैचों में 1238 रन बनाए और ICC टूर्नामेंट्स में 1000 रन बनाने वाले सबसे तेज भारतीय बल्लेबाज बने। धवन ने चार ICC वनडे टूर्नामेंट्स में कुल छह शतक लगाए। उनके दिल के सबसे करीब उनकी 2019 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई 117 रनों की पारी है, जो ICC टूर्नामेंट्स में उनकी आखिरी पारी भी थी।
इस पारी की विशेषता यह थी कि धवन ने यह शतक टूटे हुए अंगूठे के साथ बनाया था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच के नौवें ओवर की पहली गेंद पर पैट कमिंस की तेज गेंद ने धवन के अंगूठे पर चोट पहुंचाई। हालांकि, कुछ दर्दनिवारक दवाओं और फिजियो की मदद से धवन ने इस चोट को नजरअंदाज करते हुए 12 चौके और 2 छक्के लगाए। इस पारी के बाद उनका वर्ल्ड कप अभियान चोट के कारण समाप्त हो गया, लेकिन उनकी यह पारी भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में हमेशा जीवित रहेगी।
धवन ने अपने एक इंटरव्यू में कहा, “मेरी कुछ पसंदीदा पारियां हैं, जो मेरे दिल के करीब हैं, खासकर 2019 वर्ल्ड कप की वह पारी। हम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेल रहे थे, जब मेरे अंगूठे में चोट लगी थी। मैंने दर्दनिवारक दवाएं लेकर 117 रन बनाए।”
धवन ने इसके साथ ही मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेली गई 137 रनों की पारी को भी याद किया, जिसे उन्होंने धोनी के समर्थन के कारण अपनी यादगार पारियों में शामिल किया। “मेलबर्न वाली पारी भी मेरी एक बेहतरीन पारी थी, खासकर इसलिए क्योंकि मैं उस समय रन नहीं बना रहा था। धोनी ने मेरा समर्थन किया और मुझे वर्ल्ड कप में मौका दिया। मैंने 137 रन बनाए और वह पारी भी मेरे लिए खास है,” धवन ने कहा।
शिखर धवन का संन्यास भारतीय क्रिकेट के एक युग के अंत का प्रतीक है। उनकी यादगार पारियों ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।