जमशेदपुर: भाजपा के वरिष्ठ नेता और तीन दशकों से संगठन से जुड़े शिवशंकर सिंह ने जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर उन्होंने भाजपा में बढ़ते परिवारवाद पर तीखा हमला बोला और कहा कि उनका संघर्ष किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि परिवारवादी व्यवस्था के खिलाफ है। नामांकन के दौरान उनके समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी, जो उनके इस कदम के प्रति उत्साहित नजर आई।
परिवारवादी व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा
शिवशंकर सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा संगठन से जुड़े हर कार्यकर्ता इस परिवारवादी व्यवस्था से आहत है और ठगा महसूस कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा में रहते हुए उन्होंने कभी किसी से सहयोग या चंदा नहीं लिया, बल्कि हर रूप में संगठन को सहयोग दिया। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं के अपमान का जिक्र करते हुए कहा, “मैंने यह विष केवल कार्यकर्ताओं के सम्मान की रक्षा के लिए पिया है ताकि भविष्य में इस तरह की गलतियों की पुनरावृत्ति न हो।”
भाजपा से कोई बैर नहीं, संघर्ष स्वाभिमान का
एक समर्थक द्वारा भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करने पर शिवशंकर सिंह ने उसे रोकते हुए कहा कि उनका संघर्ष भाजपा संगठन या किसी परिवार से नहीं है, बल्कि परिवारवादी राजनीति के खिलाफ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका चुनाव लड़ने का निर्णय जनता के कहने पर है, और किसी बड़े नेता या संगठन के दबाव में वे अपना निर्णय नहीं बदलेंगे। सिंह ने सवाल किया, “25 सालों तक एक नेता का समर्थन किया, अब क्या उनके बच्चों के लिए झंडा ढोयेंगे?” इस पर समर्थकों ने “नहीं” कहते हुए जोरदार नारेबाजी की।
महिला को टिकट देने पर उठाए सवाल
शिवशंकर सिंह ने भाजपा के उम्मीदवार चयन पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर किसी महिला को ही टिकट देना था, तो दशकों से संगठन में सेवा कर रही किसी माता या बहन को दिया जाता। लेकिन एक व्यक्ति को खुश करने के लिए हजारों कार्यकर्ताओं का अपमान किया गया।
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