Somnath Jyotirling:
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग: शिवभक्ति का परम तीर्थस्थल
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित एक पवित्र और प्रमुख हिन्दू तीर्थस्थल है। यह मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से प्रथम और सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। समुद्र तट पर स्थित यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
धार्मिक महत्व
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का धार्मिक महत्व असीम है। यह मान्यता है कि चन्द्रमा देवता सोम ने भगवान शिव की तपस्या करके उनसे इस स्थान पर ज्योतिर्लिंग प्राप्त किया था, इसलिए इस ज्योतिर्लिंग का नाम सोमनाथ पड़ा। यहाँ पर स्थित शिवलिंग को ‘सौराष्ट्र के भगवान’ कहा जाता है और इसकी पूजा-अर्चना से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। महाशिवरात्रि और कार्तिक पूर्णिमा जैसे प्रमुख त्योहार यहाँ बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं और इस दौरान लाखों श्रद्धालु यहाँ एकत्रित होते हैं।
इतिहास
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का इतिहास कई हजार वर्षों पुराना है। इसे सबसे पहले चन्द्रमा देवता सोम ने स्थापित किया था। इसके बाद इसे कई बार ध्वस्त किया गया और फिर से बनाया गया। सबसे पहले इसे 649 ईस्वी में राजा हार्ष ने बनवाया था। मुहम्मद ग़ोरी, अलाउद्दीन खिलजी, और औरंगजेब जैसे आक्रमणकारियों ने इस मंदिर को नष्ट किया, लेकिन हर बार इसे फिर से निर्मित किया गया। वर्तमान मंदिर का निर्माण 1951 में सरदार वल्लभभाई पटेल की अगुवाई में किया गया था।
वास्तुकला
सोमनाथ मंदिर की वास्तुकला चालुक्य शैली में बनी हुई है। इसमें जटिल नक्काशी और शिल्पकला का उत्कृष्ट प्रदर्शन देखने को मिलता है। मंदिर का शिखर 150 फीट ऊँचा है और इसके मुख्य द्वार पर स्थित ‘जय सोमनाथ’ का नारा भक्तों को साहस और श्रद्धा से भर देता है। समुद्र की लहरों के किनारे स्थित यह मंदिर एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है।
प्रमुख आकर्षण
सोमनाथ मंदिर के अलावा यहाँ कई अन्य आकर्षण भी हैं:
- सोमनाथ समुद्र तट: मंदिर के पास स्थित यह समुद्र तट पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है।
- प्रभास पाटन संग्रहालय: यहाँ मंदिर और आसपास के क्षेत्र से जुड़े ऐतिहासिक और पुरातात्विक अवशेष प्रदर्शित किए गए हैं।
- अहिल्याबाई होलकर मंदिर: यह मंदिर अहिल्याबाई होलकर द्वारा पुनर्निर्माण के समय बनवाया गया था।
यात्रा जानकारी
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग गुजरात के प्रमुख शहरों से सड़क और रेल मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। निकटतम हवाई अड्डा दीव है, जो मंदिर से लगभग 85 किलोमीटर दूर है।
निष्कर्ष
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग शिवभक्तों के लिए एक परम तीर्थस्थल है, जहाँ श्रद्धा, आस्था, और इतिहास का अद्भुत संगम होता है। इस पवित्र स्थल की यात्रा करके भक्त न केवल आध्यात्मिक शांति प्राप्त करते हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और इतिहास की समृद्ध धरोहर को भी करीब से जानने का अवसर पाते हैं। अगर आप धार्मिक यात्रा पर जाना चाहते हैं, तो सोमनाथ ज्योतिर्लिंग अवश्य जाएँ और इसकी दिव्यता का अनुभव करें।
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